Sunday, November 1, 2009

कार्तिक पूर्णिमा

                                                                 कार्तिक पूर्णिमा

हिन्दू धर्म के १२  महीनो में कार्तिक का महिना सबसे श्रेष्ठ मना जाता है , इसमें स्नान , दान यज्ञ करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है , सबसे जयादा त्योहार भी इसी महीने में ही आते है ,जैसे करवा चोथ,अहोई अष्टमी ,यमदीप ,धनतेरस ,छोटी  दीपावली, दीपावली ,गोवर्धन पूजा ,गोपाष्टमी ,छठ पूजा , तुलसी विवाह ,देव उठनी एकादशी ,वैकुंठ चतुर्दशी ,और कार्तिक पूर्णिमा के दिन  नानक जयंती और जैन समाज का महापर्व शामिल है ,
और कई महिलाये कार्तिक के  महीने में वर्त भी रखती है और सुबह सूरज के उगने के पहले नहा कर तुलसी की पूजा करना और शाम को तारो की छाव में भोजन करना होता है राजस्थान में इस वर्त को काफी महत्व दिया |


 इसी दिन ही भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था ,इसलिए इस दिन को त्रिपुरात्सव के रूप में भी मनाया जाता है त्रिपुर पूर्णिमा शिव की पूजा के लिए सबसे सर्वश्रेष्ट दिनों में से एक है |


 भगवान विष्णु का मतस्य अवतार भी इसी दिन शाम के समय हुआ था जब प्रलय काल के समय भगवान ब्रम्हा समुद्र में सो रहे थे  और उनमे दुनिया को बनाने की शक्ति समाप्त हो गई थी और उनके मुह से निकली हुई श्रुतियों को हयग्रीव नामक राक्षस चुराकर के पटल लोक में ले गया उस समय भगवान विष्णु ने मतस्य ( मछली ) का रूप धारण किया को हयग्रीव से साडी श्रुतिया वापस लाकर ब्रह्मा जी को दी इसके बाद ब्रम्हा जी ने सप्त ऋषियों को ब्रह्मत्व का उपदेश दिया |

 आज के दिन ही सिख समाज गुरुनानक देव जी की जयंती मनाता है कहते है की नानक जी ने आज के दिन ही राजस्थान के पुष्कर  में डेरा  जमाया था और पुष्कर के घाट पर स्नान किया था बाद में नानक देव जी ने मानव जन को एक रह कर नेक कर्मो द्वारा जीवन जीने का अमर सन्देश दिया   गुरु गोविन्द सिंग जी के आने का उल्लेख तो अभी भी वहा लिखा हुआ बताते है |
आज के दिन देवता ,गंधर्व ऋषि मुनि आदि गंगा आदि कई पवित्र नदियों में स्नान करने के लिए धरती पर उतर कर आते है और इन पवित्र जगहों में तिल के तेल और घी के दीपक जलाने पर अश्व मेघ यज्ञ जितने फल की प्राप्ति होती है ,आज के दिन मानव को चाहिए  वो भय, लालच , ईष्या ,क्रोध ,अंहकार और अपनी गलत इच्छाओ को मन  से निकल कर उसमे करुना ,प्यार,दयालुता ,उदारता ,अपनों और भगवान को समझने का भाव अपने मन में रखे |

9 comments:

Anonymous said...

मुझे कार्तिक पूर्णिमा के बारे में पढ़कर और साथ साथ मर्म गुरु नानक जी और आज के दिन के महत्त्व की जानकारी भी मिली

Anonymous said...

अनिल जी नमस्कार आपका धन्यवाद कार्तिक पूर्णिमा के बारे में बताने के लिए

विवेक सिंह said...

Thanx 4 vsting my blog

Amit K Sagar said...

ज्ञानपूर्ण इस धार्मिक लेख के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया.
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महिलाओं के प्रति हो रही घरेलू हिंसा के खिलाफ [उल्टा तीर] आइये, इस कुरुती का समाधान निकालें!

ज्योति सिंह said...

aapki saari jaankaariya behad mahtvpoorn hai ,achchha laga padhkar .sundar lekh .

पूनम श्रीवास्तव said...

बहुत ही अच्छी एवम रोचक जानकारी दी है आपने।शुभकामनायें।
पूनम

vrinda gandhi said...

bahut badiya m also working in media as a script writter . acha likha hai aise hi jankari dete rahiye

Tamasha-E-Zindagi said...

आपको यह बताते हुए हर्ष हो रहा है के आपकी यह विशेष रचना को आदर प्रदान करने हेतु हमने इसे आज ( २३ जून, २०१३, रविवार ) के ब्लॉग बुलेटिन - छह नीतियां पर स्थान दिया है | बहुत बहुत बधाई |

Madan Mohan Saxena said...

उत्क्रुस्त , भावपूर्ण एवं सार्थक अभिव्यक्ति .
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